रागी का फसल बन सकता है, आमदनी का बड़ा जरिया – कलेक्टर चौपाल लगाकर किसानों को रागी के फसल के लिए किये प्रोत्साहित

रागी का फसल बन सकता है, आमदनी का बड़ा जरिया – कलेक्टर

चौपाल लगाकर किसानों को रागी के फसल के लिए किये प्रोत्साहित

कलेक्टर की पहल से कई किसानो ने रागी फसल लेने जताई सहमति

जांजगीर-चांपा 12 जनवरी 2023/ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज नवागढ़ ब्लाक के ग्राम सेंदरी के गौठान में चौपाल लगाकर क्षेत्र की किसानों को रागी फसल की उपयोगिता बतायी। उन्होंने किसानों को धान के बदले अन्य फसल लेने प्रोत्साहित किया। कलेक्टर ने किसानों को बताया कि आने वाले समय में रागी जैसे फसलों की डिमांड बढ़ेगी। रागी का उत्पादन किसानों को आमदनी का बड़ा जरिया बन सकता है। कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा भी मिलेट फसल जैसे कोदो कुटकी, रागी के फसल के क्षेत्र को बढ़ाने जोर दिया जा रहा है। चौपाल में कलेक्टर की अपील पर 17 से अधिक किसानों ने कंजीनाला के समीप लगभग 25 एकड़ रकबे में रागी फसल लगाने की सहमति जतायी।
चौपाल में किसानों को बताया गया कि धान फसल में ज्यादा पानी, खाद व कीटनाशक आदि की आवश्यकता होती है, रागी का फसल कम पानी, खाद व कीटनाशक से भी किया जा सकता है। रागी फसल की खेती समय पर कृषि कार्य पूर्ण कर ली जाए तो 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही फसल का समर्थन मूल्य 3578 रुपए प्रति क्विंटल पर विक्रय किया जा सकता है। रागी फसल में कीट- बीमारी भी नहीं के बराबर लगती है, जिससे फसल उत्पादन में कोई परेशानियां नहीं होती है। रागी फसल के रकबा को बढ़ाने शासन स्तर पर भी जोर दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप विभागीय योजनांतर्गत क्षेत्रवार प्रदर्शन लगाए जा रहे है तथा कृषि विभाग जांजगीर-चांपा के अधिकारियों द्वारा कृषकों का बैठक लेकर रागी फसल के खेती के बारे में विस्तृत जानकारी देकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने किसानों की मांग पर गौठान तक जलापूर्ति हेतु विद्युत कनेक्शन के संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों को जल जीवन मिशन अंतर्गत लगे नलों व सुचारू रूप से पानी आपूर्ति हेतु न्यूनतम शुल्क भी देने कहा। इस दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर के कार्याें की प्रशंसा करते हुए शॉल एवं श्रीफल से सम्मानित भी किया। उपसंचालक कृषि  एम डी मानकर द्वारा बताया गया कि रागी का फसल समान्यतः रबी के मौसम में लगाया जाता है जो 110 से 115 दिन के बीच तैयार होता है। जिले में लगभग 1000 हेक्टेयर में रागी का फसल लगाने लक्ष्य रखा गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिलेट्स में पोषक मूल्य उच्च होते हैं। जिसमें कैल्शियम, आयरन, एमीनो एसिड, प्रोटीन, फास्फोरस एवं अन्य तत्व प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह सभी के लिए गुणकारी होते है। कोदो- कुटकी, रागी के रेगुलर उपभोग से डायबिटीज पेशेंट, एनिमिक पेसेंट, कुपोषित, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों में फायदेमंद होता है। मिलेट्स के गुणों को बताने कृषि विभाग द्वारा व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

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