Jaivik Kheti Abhiyan : वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह ने छेड़ा ‘जैविक खेती अभियान’, किसानों को जैविक खेती को लेकर किया जा रहा है जागरूक, नवागढ़ ब्लॉक के इस गांव में हुआ आयोजन… पढ़िए पूरी खबर…

Jaivik Kheti Abhiyan : वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह ने छेड़ा ‘जैविक खेती अभियान’, किसानों को जैविक खेती को लेकर किया जा रहा है जागरूक, नवागढ़ ब्लॉक के इस गांव में हुआ आयोजन… पढ़िए पूरी खबर…

जांजगीर-चाम्पा।   वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के द्वारा ‘जैविक खेती अभियान’ की शुरुआत की गई है. नवागढ़ ब्लॉक के हरदी ( हरि ) गांव में ‘जैविक खेती अभियान’ के तहत किसानों को जागरूक किया गया और किसानों को जैविक खेती के लाभ से अवगत कराया गया. यहां क्षेत्र के हरदी, खैरा, बुडेना, जगमहन्त, महन्त, नवागढ़, तेंदुआ, भड़ेसर, मुनुन्द, कर्रा, भैंसमुड़ी, खैरताल, चौराभाठा, सेमरा, पचेड़ा, मरकाडीह, अवरीद, भैंसदा, सिऊंड़ समेत समेत अन्य गांवों के किसान पहुंचे थे. किसानों ने भी किसान स्कूल के इस प्रयास की तारीफ की है और इसे किसान हित में बड़ा कदम बताया है. किसानों का कहना है कि सभी किसानों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए.

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह के संचालक दीनदयाल यादव ने कहा कि किसानों के द्वारा अंधाधुंध रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरक क्षमता में कमी आ गई है. ऐसे में आज जैविक खेती की ओर किसानों को एक बार फिर रुख करना होगा. इसे देखते हुए किसान हित में ‘किसान स्कूल’ के द्वारा ‘जैविक खेती अभियान’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत गांवों में जाकर किसानों को जैविक खेती के महत्व से अवगत कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जैविक खेती को लेकर किसानों को आज जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि रासायनिक खाद के जिस तरह के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं, ऐसे में किसानों को जैविक खेती की ओर लौटने की आवश्यकता है.

कृषक चेतना मंच के जिला संयोजक राजशेखर सिंह ने किसान स्कूल बहेराडीह के प्रयास और ‘जैविक खेती अभियान’ की सराहना करते हुए कहा कि आज बहुत ही आवश्यक हो गया है, हम किसानों को जैविक खेती को प्राथमिकता देने की, क्योंकि खेतों की उर्वरक क्षमता को बचाने के लिए जैविक खेती ही एकमात्र कारगर उपाय है. किसान स्कूल ने ‘जैविक खेती अभियान’ की शुरुआत कर किसान हित में उल्लेखनीय कदम उठाया है और उन्होंने किसानों से इस अभियान से जुड़ने की बात कही है.

शुरुआत में छोटी जगह या गमलों में करें जैविक खेती
किसान स्कूल बहेराडीह के द्वारा किसानों से अपील की गई कि शुरू में घर की छोटी जगह या गमलों में जैविक खेती की शुरुआत करें. इससे किसानों को पता चल जाएगा कि जैविक खेती के तहत उत्पादित सब्जी या फल, स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं. जैविक खाद के इस्तेमाल से खेतों की मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है.

खेतों में पराली ना जलाने की भी अपील
किसान स्कूल बहेराडीह के द्वारा किसानों से खेतों में पराली ( खेती अवशेष ) को नहीं जलाने की अपील की गई. पराली जलाने से खेतों को होने वाले नुकसान से किसानों को अवगत कराया और लोगों को जागरूक किया गया. पराली जलाने से खेतों में मौजूद सूक्ष्मजीव के मृत होने से मिट्टी को नुकसान होता है और खेत के मेड़ पर रोपे गए पौधे भी आग से जलकर नष्ट हो जाते हैं. इस तरह पराली जलाने से चौतरफा नुकसान है. खेती की मिट्टी के साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है.

पौधरोपण का दिया गया सन्देश
किसान स्कूल बहेराडीह के द्वारा किसानों को अधिक से अधिक पौधरोपण का संदेश दिया गया. यहां किसानों से अपील की गई कि सभी को कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए और उस पेड़ की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए, ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे और हमारी आने वाली पीढ़ी प्रदूषण की समस्या से दूर रहे.

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