



आत्मा परम सत्य परमात्मा से जुड़कर ही संपूर्ण बन सकती हैं- ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा
गीता में परमात्मा का स्वरूप ज्योति स्वरूप बताया गया है ज्योति को हर धर्म में मान्यता प्रदान की गई है
निकट भविष्य में श्री कृष्ण का आगमन इस धरा पर होने वाला हैl
श्री कृष्ण के बाल रूप की झांकी ने भक्तों को कर दिया भावविभोर l
पोड़ी-दल्हा कबीर चौक में श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ का चौथा दिन
अकलतरा। पोड़ी-दल्हागीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्य द्वारा खुशहाल जीवन श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन विराट दर्शन व विभूति योग को समझाते हुए ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी ने कहा कि शास्त्रों में कलयुग के लक्षण बताए गए हैं जब गौमाता विष्ठा में मुख डालेगी, जब कन्या अपने मुख से वर मांगेगी, जब केसों का श्रृंगार होगा, दूध बोतलों में बिकने लगेगा तो समझना कलयुग अपनी अंतिम चरण पर है आज यह सारी निशानियां इन सबसे पार जा चुकी है अतः ऐसे समय पर ही इस धरा पर परमात्मा का आना होता है ,जब आत्मा अपने पिता परमात्मा के सानिध्य में आती है तभी वह सर्व गुणों से संपन्न स्वयं को परिपूर्ण बना सकती हैं अतः हमें अपने स्रोत ईश्वर से जुड़ना परम आवश्यक है
दीदी ने आगे बताया कि गीता में भगवान ने वायदा किया है यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् अर्थात जब जब इस धरा पर पापाचार अत्याचार बढ़ जाता है तब तब इस धरा पर भगवान स्वयं आते हैं और आज अधर्म अत्याचार की अति हो चुकी है तो ऐसे ही समय पर भगवान इस वसुधा पर आकर इस सृष्टि को स्वर्ग बनाने का नवसृजन का कार्य गुप्त रीति से करा रहे हैंl गीता अनुसार परमात्मा के स्वरूप को हमें पहचाना है भगवान ने गीता में कहा है कि मैं ज्योतियों का भी ज्योति महाज्योति हूं , अणु से भी सूक्ष्म , आदित्य वर्ण , अजन्मा , अभोक्ता , सर्वेश्वर हूं,कालों का काल महाकाल हूं, परमात्मा को हर धर्म में ज्योति रूप में मान्यता मिली है lनिकट भविष्य में पुनःसतयुगी सृष्टि आने वाली है जहां पर श्री कृष्ण बाल रूप में इस धरा पर प्रकट होंगेl
अंत में श्री कृष्ण के बाल रूप की मनोरम झांकी प्रस्तुत की गईl इस अवसर पर ग्राम वासियों ने अपनी सहज सहभागिता दिखाई व सभी नेभावविभोर हो बधाई गीत का आनंद लिया ।