मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आगरा में ताजमहल के अंदर 20 कमरे खोलने का निर्देश देने की मांग की गई है जिससे यह पता लगाया जा सके कि वहां हिंदू मूर्तियां और शिलालेख छिपे हैं या नहीं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
ताजमहल को तेजो महालय बताते हुए आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल की गई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अयोध्या जिले के मीडिया प्रभारी डॉ रजनीश सिंह की तरफ से ये याचिका दाखिल की गई है.
परिसर का सर्वेक्षण कराना जरूरी
ताजमहल के बंद 20 कमरों की ASI सर्वेक्षण की मांग के साथ ये पिटीशन दाखिल की गई है. साथ ही याचिका में सरकार को तथ्य खोज समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई है. इसमें कहा गया कि ताजमहल परिसर का सर्वेक्षण कराना जरूरी है ताकि शिव मंदिर और ताजमहल होने की वास्तविकता का पता लगाया जा सके. समिति गठित समिति इन कमरों की जांच करेगी और वहां हिंदू मूर्तियों या धर्मग्रंथों से संबंधित किसी भी सबूत की तलाश करेगी. कुछ इतिहासकारों का हवाला देते हुए ये याचिका दाखिल की गई है.
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